हिन्दुस्थान में अंग्रेजो के शासन का सबसे बुरा पक्ष यह था के वो हिन्दुस्थान कि जनता के प्रति उत्तरदायी नहीं था और न ही उन्हें हिन्दुस्थान कि महान विरासत से कोई लगाव था | आज के हिन्दुस्थान कि सरकार में कमोवेश यही स्थिति नज़र आ रही है | पिछले दिनों देश में घटी घटनाएँ व भरष्टाचार की बड़ी इबारते इस और सपष्ट संकेत कर रही है |
जो सरकार अपनी प्रकृति व उसके संसाधनों की रक्षा करने में नाकाम रही हो | जो सरकार अपने उद्यमियों को निकम्मेपन कि और ले जा रही हो व जो सरकार ढाँचागत व संस्थागत विकास के लिए नीतियां बनाने में अक्षम साबित हो | जिस देश कि जनता अपने आप को अपने देश में असुरक्षित महसूस करे | तो क्या यह समझा जाना चाहिए के यह सरकार जनता के प्रति अपने उत्तरदायित्व का पालन करने में पूरी तरह नाकाम ही नहीं असंवेदनशील भी है | जो सरकार यह सोचती है हो जब मौका पड़े तब जनता को सब्ज-बाग दिखा कर बहका लिया जाए | चाहे वह चुनाव का समय हो |
तब ऐसे में क्यों न हम इनकी तुलना काले अंग्रेजो से करे ?
जो सरकार अपनी प्रकृति व उसके संसाधनों की रक्षा करने में नाकाम रही हो | जो सरकार अपने उद्यमियों को निकम्मेपन कि और ले जा रही हो व जो सरकार ढाँचागत व संस्थागत विकास के लिए नीतियां बनाने में अक्षम साबित हो | जिस देश कि जनता अपने आप को अपने देश में असुरक्षित महसूस करे | तो क्या यह समझा जाना चाहिए के यह सरकार जनता के प्रति अपने उत्तरदायित्व का पालन करने में पूरी तरह नाकाम ही नहीं असंवेदनशील भी है | जो सरकार यह सोचती है हो जब मौका पड़े तब जनता को सब्ज-बाग दिखा कर बहका लिया जाए | चाहे वह चुनाव का समय हो |
तब ऐसे में क्यों न हम इनकी तुलना काले अंग्रेजो से करे ?